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चुनाव के समय आपके स्पैम पत्र में 140 करोड़ समर्थकों के दावे में मैं शामिल नही हूँ

- कृपाल मंडलोई

प्रधानमंत्री जी,
आपके द्वारा 140 करोड़ नागरिकों को थोक में भेजा गया स्पैम (जबरिया संदेश) मिला,आदर्श चुनाव आचार संहिता 16 मार्च को लाघु हो चुकी उसके बाद भी ये प्रचार सामग्री की तरह लिखी चिट्ठी हमें 18 मार्च को तड़के मिली वो भी सरकारी लेटरहेड पर. खैर, आपको इस आदर्श आचार की परवाह होती तो शायद भेजते भी नही.प्लेटफार्म का इस तरह का दुरूपयोग आज से पहले कभी नहीं देखा गया इसका पूरा क्रेडिट आपको जाता है.
आपकी चिट्ठी में, आप उन सभी बातों को भूल गए, जिन्हे आप पहले मास्टर स्ट्रोक कहते थे, जैसे कि आपके द्वारा लाया गया चुनावी बांड , जिसे अब उच्चतम न्यायलय ने संवैधानिक करार दिया है और जिनसे दर रोज नए खुलासे हो रहे हैं .आप उन 3 कृषि कानूनों को भूल गए जिन्हें देश के किसानों के खारिज करते हुए कृषि विरोधी काले कनोकन्नकरर दिया था .आप ये क्रेडिट लेना भूल गए की कैसे अन्नदाता एक साल से ज्यादा समय तक धूप, बारिश ,ठंड के बड़ी सड़को पर आंदोलन करता रहा लेकिन आप एक साल तक आंख फेरकर उनकी अनदेखी करते रहे . आप भूल गए की इसी आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में जीप से कुचले गए किसानों का न्याय होना बाकी है. और ये बताना भी भूल गए की बोल तो बोल आंदोलन के दौरान लिखित आश्वासन पर आज तक अमल नहीं कर पाए.
आप भुल गए ये बताता है कि हिंसा झेलते हुए मणिपुर की जनता आपको पुकारती रही लेकिन आप ने कैसे उनकी अनसुनी की, अनदेखा किया और इनपर हो रही हिंसा व हैवानियत पर एतिहासुक छुपी साधी ली .एक राज्य महीनो हिंसा झेलता रहा लेकिन आप चुनावी रैलियों में व्यस्त रहे
आप भूल गए ये बताना कि लॉकडाउन कैसे देश का मेहनतकश सड़को पर बिना खाना-पानी हजारों किलोमीटर पैदल चलने पर मजबूर कर दिया गया । यहां तक कि सुप्रीम कोर्ट में याचना लगा कर आपको मे जिम्मेदारी याद दिलानी पड़ी .आपदा में अवसर देखते हुए आपके द्वार लाए गेट "पीएम-केयर फंड " का जिक्र करना भूल गए, वही जिसके बारे में बाद में न्यायालय में कह दिया गया कि ये तो प्राइवेट फंड है इसपर आरटीआई लागू नहीं होता (यानी जनता को इसके बारे में जानने का कोई अधिकार नहीं).
देश के तमाम युवाओं को ये बताना भी आप भूल गए की 15-15 लाख की तरह 2 करोड़ रोजगार की गारंटी भी एक जुमला थी. आप भूल गए नोटबंदी की उस लाइन को जिसके चलते काई लोग लाइन मे हैरान, परेशान , प्रताड़ित होते हुए इलाज के अभाव में प्राण छोड़ गए .आप भूल गए उन छोटे व्यापारी से ये पूछना कि जीएसटी के बाद से उनका व्यापार कैसे चल रहा है।
पूर्व सेना अधिकारी जनरलमनोज मुकुंद नरवणे ने अग्निवीर के बारे में जो भी लिखा हो लेकिन आपको तो उन युवाओं बताना चाहिए था की ये भी आपकी हर गेरेंटी और मास्टर स्ट्रोक की तरह ही है . ज्वाइनिंग का इंतजार करने वाले युवा जो प्रोटेस्ट करने लगे थे उनके लिए भी दो शब्द तो डालने चाहिए थे.
आपको यह भी बताना चाहिए कि आपके कार्यकाल में कितने अरबपति देश से लाखो करोड़ो के लोन लेकर भाग चुके है वही पीएमसी बैंक जैसे बैंक के कितने आम खाताधारी अपनी जिंदगी भर की कमाई को वापस लेने के लिए दर दर भटके है.
पिछले एक दशक में अमीर और अमीर हुआ है वही मुट्ठी भर लोगों के हाथों में देश के संसाधन चले गए। बताना चाहिए था कोयले से लेकर पोर्ट- एयर पोर्ट तक किसके हाथ में है .आपको ये भी बताना चाहिए कि आपके दौर में आपकी पार्टी के लोग अब खुले आम बाबा साहेब अंबेकर के द्वारा बनाए गए संविधान को बदलने की अपील करने लगे हैं.
इस एक दशक में नेताओ की भाषा जनता के प्रतिनिधात्व और उनके हक्क की बात के बजाय एहसान बोध कराने की हो चली है जैसे कि उनका चुनाव जनता के काम के लिए नहीं बल्की उन पर 'राज' करने के लिए हुआ है। समुचे कार्यकाल में आप अपने मन की बात सुनाते रहे लेकिन जनता के मन की बात से हमेशा दुरी बनी रही. यहां तक देश का नाम रोशन करने वाली महिला पहलवानों को भी अन्याय उत्पीड़न का सामना करना पड़ा.
और इसलिए, चुनाव के समय आपके इस स्पैम पत्र में जिन 140 करोड़ लोगों की मान्यता और समर्थन का आप दावा कर रहे हैं उसमे में शामिल नही हूँ.
-- एक आम नागरिक

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