एआईटीयूसी श्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार के कॉरपोरेटीकरण के आयुध कारखानों, रेलवे उत्पादन इकाइयों आदि जैसे संगठन और राष्ट्रीयकृत बैंकों सहित सार्वजनिक क्षेत्र के उद्योगों का निजीकरण के कदम का लगातार विरोध करती रही है।
कोविड-19 महामारी अवधि के दौरान जब मोदी 0.2 सरकार ने 41 रक्षा उत्पादन आयुध कारखानों को निगमित करने का एकतरफा निर्णय लिया, तो एआईटीयूसी ने इसका विरोध किया और अन्य केंद्रीय ट्रेड यूनियनों के साथ अलग से और संयुक्त रूप से बयान जारी कर एआईडीईएफ द्वारा दिए गए अनिश्चितकालीन हड़ताल के आह्वान को समर्थन दिया।
सत्तावादी भाजपा सरकार द्वारा उस समय स्ट्राइक एक्शन को अपराध घोषित करने वाले कठोर आवश्यक रक्षा सेवा अधिनियम-2021 (ईडीएसए 2021) को प्रख्यापित किया गया, एआईटीयूसी ने आईएलओ में शिकायत दर्ज कराई और एआईडीईएफ ने इसे दिल्ली उच्च न्यायालय में चुनौती दी, जिसने सरकार को इसके विस्तार को रोकने के लिए मजबूर किया और आज यह समाप्त हो गया।
आयुध कारखानों के निगमीकरण के बाद कर्मचारियों को बहुत सारी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है और यूनियनों को हर हमले के खिलाफ लड़ना पड़ रहा है। अनुकंपा आधार पर नियुक्ति समेत अन्य नियुक्तियां बंद हैं। 30000 से अधिक पद खाली हैं और 7 निगम निश्चित अवधि में संविदा नियुक्तियों का सहारा ले रहे हैं। ऑर्डिनेंस फैक्ट्री स्कूलों ने बच्चों का एडमिशन बंद कर दिया है। आयुध निर्माणी अस्पताल दवाओं, डॉक्टरों और अन्य पैरामेडिकल स्टाफ के बिना हैं।
इस गंभीर स्थिति में अब सरकार. उन कर्मचारियों की सेवाओं के साथ खिलवाड़ करने पर विचार कर रही है जो मूल रूप से केंद्रीय सरकार/रक्षा नागरिक कर्मचारी हैं और उन्हें केंद्रीय सरकार के रूप में अपना दर्जा खोकर 7 नई कंपनियों में कंपनी कर्मचारी के रूप में शामिल होने का विकल्प देने के लिए कह रहे हैं। इससे आयुध निर्माणी के कर्मचारियों के कई अधिकार और सुविधाएं छिन जाएंगी, जो उन्होंने काफी संघर्ष से हासिल किए थे, जैसे सीएसडी सुविधाएं आदि।
एआईडीईएफ के बैनर तले आयुध निर्माणी के कर्मचारियों ने इन 7 कंपनियों में शामिल न होने का सही निर्णय लिया है। AITUC 41 आयुध कारखानों के रक्षा नागरिक कर्मचारियों को पूर्ण समर्थन और एकजुटता प्रदान करेगा और हमारे देश की रक्षा तैयारियों के हित में आयुध कारखानों और उसके कर्मचारियों को बचाने के उनके संघर्ष में AIDEF के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ा रहेगा।
---
*महसाचिव, अखिल भारतीय ट्रेड यूनियन कांग्रेस (AITUC)
टिप्पणियाँ